Priyanka06

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लेखनी प्रतियोगिता -13-Aug-2022 रक्षाबंधन का त्यौहार हो गया खामोश

रचीयता-प्रियंका भूतड़ा

शीर्षक-रक्षाबंधन का त्यौहार हो गया खामोश
विषय- खामोश

रक्षाबंधन का है त्योहार,
फिर भी बहन है उदास।

देख रही थी अपने भाई की राह,
जो रहता था सरहद पार।

खामोश थी उस बहन की निगाहें,
जो देख रही थी अपनी भाई की राहे।

खामोश थी उसकी जुबान,
जो हो गया देश के लिए कुर्बान।

मन में सजाए बैठी थी अरदास,
आएगा मेरा भाई जान।

चौखट पर आई उसकी लाश,
देख बहन !हो गई हताश।

टूट गई बहन की राखी की डोर,
खो बैठी अपने होश।

खामोश हो गए त्योहार,
खामोश हो गया भाई का प्यार।

खामोश हो गई बहन की राखी,
किसको बांधुगी अब राखी।

उठ! मेरे भाई,
देख! तेरे लिए बनाई है राखी।

राखी में तेरी तस्वीर जड़ाई,
तूने मुझसे क्यू की जुदाई।

ना करूंगी तुझसे लड़ाई,
उपहार नहीं मांगूंगी।

बस दे दे तेरी कलाई,
कलाई में बांधुगी राखी।

बहन रोती बिलखती रही,
ना उठा उसका भाई।

हमेशा के लिए सो गया भाई
 खामोश हो गई बहन की राखी।



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9 Comments

Pankaj Pandey

15-Aug-2022 08:37 AM

Nice

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Punam verma

14-Aug-2022 09:07 AM

Very nice

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Abhinav ji

14-Aug-2022 08:29 AM

Very nice👍

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